शासन का कठोर निर्णय:चार वर्ष से पीएचसी घसारा नहीं आने वाले चिकित्सक को किया गया बर्खास्त औरैया:चार वर्ष से अनुपस्थित चल रहे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) घसारा के डा. जितेंद्र सिंह को प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने बर्खास्त कर दिया है। डाक्टर के न आने से पीएचसी फार्मासिस्ट और वार्ड ब्वाय के भरोसे है।फार्मासिस्ट ही मरीजों को देखकर दवा देते हैं।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) अछल्दा पर डा. जितेंद्र सिंह की चार जनवरी 2018 को तैनाती हुई थी। इसके बाद उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र घसारा का प्रभारी बनाकर भेज दिया गया था। शुरू के दिनों में वह ड्यूटी करने के लिए सजग बने रहे, लेकिन कोरोना काल शुरू होने से पहले ही उन्होंने अस्पताल जाना बंद कर दिया। बताया गया कि वह पीजी की तैयारी में जुट गए। इससे वह चार वर्ष से लगातार अनुपस्थित चले आ रहे थे। तब से प्राथमिक स्वास्थ्य फार्मासिस्ट, बार्ड ब्वाय, चतुर्थ श्रेणी कर्मी के सहारे चल रहा है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अछल्दा अधीक्षक डा. जितेंद्र यादव ने बताया कि विभाग की तरफ से डा. जितेंद्र सिंह को नोटिस भेजे गए। अनुपस्थित रहने वाले डाक्टरों की शासन से आख्या मांगी गई थी। तभी सीएमओ
कार्यालय से शासन को डा. जितेंद्र सिंह के अनुपस्थित रहने की आख्या भेजी गई थी। उसके आधार पर बर्खास्तगी की कार्रवाई की गई है।आरोग्य मेले में सीएचसी से डाक्टर को भेजा जाता। सीएमओ डा. सुनील वर्मा ने बताया कि चार वर्ष से डा.जितेंद्र सिंह अनुपस्थित चल रहे थे। उन्हें समय- समय पर नोटिस दिया गया। इसके बाद मामले की आख्या शासन को भेजी गई थी। उस पर ही प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने डाक्टर को बर्खास्त करने की कार्रवाई की है। चार वर्षो से पीएचसी वार्डबॉय और फार्मासिस्ट के भरोसेघसारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर फार्मासिस्ट महेश चंद्र पाल, वार्ड ब्वाय जय रामचंद्र यादव मौजूद थे जो मरीजो का चेक अप कर दवा दे रहे है।
फार्मासिस्ट ने बताया कि प्रतिदिन 40 से 50 मरीज आते जाते हैं। इस समय बुखार, बदन दर्द के मरीजों की संख्या बढ़ी है। पर्याप्त मात्रा में दवाइयां उपलब्ध हैं। चिकित्सक की अस्पताल तैनाती की विभाग से कई बार मांग की गई पर ध्यान नहीं दिया गया। ग्रामीणों ने बताया कि जनप्रतिनिधियों से भी कई बार अस्पताल में डाक्टर तैनाती कराने की गुहार लगाई गई पर कोई सुनने वाला नहीं ।