देवी अहिल्याबाई होल्कर समकालीन:ललित कला अकादमी अलीगंज में महेश्वर की बुनाई पर व्याख्यान
लखनऊ,(खुर्शीद आलम): मृगनयनी मध्य प्रदेश शासन के आयोजन ललित कला अकादमी अलीगंज में संत रविदास म. प्र.हस्तशिल्प एवं हाथकरघा विकास निगम लिमिटेड की तरफ से हस्तकला प्रदर्शनी 3मार्च तक व्याख्यानों की श्रंखला आयोजित की गई ।विश्व प्रसिद्ध महेश्वरी साड़ी पर व्याख्यान हुआ। महेश्वरी साड़ियां देवी अहिल्या बाई की देन है। उनकी प्रेरणा से साड़ी पर महेश्वर के किले की डिजाइने,नर्मदा के मनोरम घाट उकेरे गए। देवी अहिल्याबाई होल्कर समकालीन महेश्वर की साड़ियां लेकर आए मो० असलम अंसारी वरिष्ठ बुनकर ने बताया कि महेश्वरशहर मध्य प्रदेश के खरगोन जिला में है। महेश्वर का सम्बंध हैहयवंशी राजा सहस्रार्जुन से जिसने रावण को पराजित किया था।
महान देवी अहिल्याबाई होल्कर के काल 1764 -1795 में सूरत बुनकरों ने “महेश्वरी साड़ी” का देश विदेशों तक में पहुंचा दिया।कहा जाता है नर्मदा के पास तांबें की सुइयां पाई गई थी जिसे वहां के “रहवासी” महारानी के पास लेकर गए तो महारानी अहिल्याबाई ने उन्हें पारंपरिक बुनाई की परंपरा को नए अंदाज में तैयार करने के लिए प्रेरित किया।आज भी विवाह समारोहों में बहु का स्वागत और विदाई महेश्वरी साड़ी में करने की प्रथा है।
मृगनयनी प्रदर्शनी संयोजक अरविंद शर्मा ने बताया कि प्रदर्शनी का उद्देश्य मध्य प्रदेश की हस्तकलाओं का प्रचार प्रसार और लोगों को मूल कलाकारी से परिचित करवाना है।