बच्चों के साथ भेदभाव न करें माता पिता:आचार्य महेश पांडेय
●मां का कर्तव्य है कि बच्चो को सही मार्ग पर लेकर चलेआऔरैया,संवाददाता:अछल्दा कस्वा के रेलवे फाटक के पास चल रही श्रीमद्भागवत कथा आयोजन के तीसरे दिन रविवार को आचार्य महेश चंद्र पांडेय ने हिरणकश्यप और भक्त प्रहलाद की कथा का वर्णन किया।उसे सुनकर श्रोता भाव विभोर हो गये।
पंडाल मेंआचार्य महेश चंद्र पांडेय ने श्रद्धालुजन को कथा सुनाते हुए कहा कि संतान को सही मार्ग पर लेकर चलने का सबसे बड़ा कर्त्वय उसकी माता का होता है। संतान को कहीं अधिक प्रेम अपनी मां से होता है। इसलिए मां का कर्त्तव्य बनता है कि वह अपनी संतान को सही मार्ग पर लेकर चले।माता पिता को बच्चों के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए जिससे वह सही मार्ग पर चल कर अपने माता पिता का नाम रोशन कर सके। जिस प्रकार की शिक्षा माता सुनीति ने पुत्र ध्रुव को दी थी। जब प्रहलाद को उसके पिता हिरण्यकश्यप ने भगवान विष्णु का नाम लेने से रोका तो वह नहीं माने। “नाम लेते ही हरि बिचारा” उनके इसलिए भक्त प्रहलाद को विभिन्न प्रकार की यातना दी गयी। अपने भक्त को बचाने के लिए खंबे में से नर¨सह अवतार लेकर भगवान ने पापी हिरण्यकश्यप का पेट फाड़ डाला और अपने भक्त की रक्षा की।उन्होंने बताया कि आप जिस प्रकार से ईश्वर की कामना करोगे। उसी प्रकार से ईश्वर भी आपकी रक्षा करने में लगेगा। इसलिए सच्चे मन से भगवान की प्रार्थना करें और उसके फल की इच्छा न करें। भगवान का फल भले ही देर में मिले लेकिन सभी भक्तों को मिलता है। कथा सुनकर उपस्थित भक्त भाव विभोर हो गये और राधा कृष्ण, श्री राम के जयकारे लगने लगें।
परीक्षित सुरेश कौशल,प्रीति कौशल,प्रशांत गुप्ता, राम लाल शर्मा, सिंटू, उमंग,धर्मेंद्र कुमार, संजय पोरवाल,राजेश कौशल,विनीत दुबे,विकास गुप्ता,अनुरुद्ध पांडेय,महेश कौशल,भोले नाथ गुप्ता,राजेश कौशल आदि ने भक्तों ने आरती बाद प्रसाद वितरण हुआ