चरित्र की कथा प्रसंग:’आज के युग में मित्रता कम चापलूसी अधिक होती’,खेली गई फूलों की होली
औरैया,संवाददाता:कस्बा अछल्दा के मुहल्ला पुराना अछल्दा मैदान में चल रही सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के आखरी दिन भगवताचार्य महेश चंद्र पांडेय ने सुदामा चरित्र की कथा का प्रसंग सुनाया।भगवान श्री कृष्ण के अलग-अलग लीलाओं का वर्णन किया।कहा, पहले की मित्रता अलग थी और आज के युग की मित्रता कम और चापलूसी अधिक होती है।
आचार्य ने कहा, मित्रता कैसे निभाई जाती है। यह भगवान श्री कृष्ण सुदामा से समझ सकते हैं। सुदामा अपनी पत्नी के आग्रह पर अपने मित्र श्रीकृष्ण से मिलने द्वारिका पहुंचे।जब वह उनके महल की ओर बढ़ने लगे तभी द्वारपालों ने सुदामा को भिक्षा मांगने वाला समझकर रोक दिया। तब उन्होंने कहा कि वह कृष्ण के मित्र हैं। इस पर द्वारपालों ने भगवान को जानकारी दी।जैसे ही द्वारपाल के मुंह से उन्होंने सुदामा का नाम सुना तो वह तेजी से द्वार पर पहुंचे और सुदामा को गले से लगा लिया।इसके बाद वह सुदामा को अपने महल में ले गए।प्रसंग सुन श्रोता भाव विभोर हो गए। इस दौरान पंडाल में सुदामा और कृष्ण की झांकी निकाल फूलों की होली खेली गई।
परीक्षत मुन्नी लाल पोरवाल, सुनील सेंगर,नीलम,भाजपा मंडल अध्यक्ष राज वर्धन सिंह गौर,बब्लू सेंगर,श्यामू ठाकुर,गोलू राजावत,बृजेन्द्र सेंगर,पप्पू पोरवाल,शिवेंद्र चौहान,गौरव श्रीवास्तव,अर्पित पोरवाल,मंजू गुप्ता,अंकुल ठाकुर,कपिल महाराज,कृष्ण कुमार तिवारी,हरनाम सिंह सेंगर आदि ने आरती उतारी।भगवताचार्य को एक कुंटल फूलों की माला पगड़ी पहनाकर, सहायक आचार्य सौरभ कृष्ण समेत मंडली को सम्मानित किया गया।
भाजपा मंडल अध्यक्ष राजवर्धन सिंह गौर आचार्य से आशीर्वाद लेते ।