कलयुग के दोस्त चापलूस:मित्रता की मिसाल श्रीकृष्ण और सुदामा जैसी
*अंतिम दिन सुदामा चरित्र सुन भावुक हुए श्रोता
औरैया,संवाददाता:अछल्दा कस्बा के रेलवे फाटक के पास भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के अंतिम दिन आचार्य महेश चंद्र पांडेय ने कई प्रसंगों में ऊषा चरित्र, नृग चरित्र, वासुदेव नारद संवाद, सुदामा प्रसंग, परीक्षित मोक्ष की कथा का बड़े ही रोचक अंदाज में वर्णन किया।कहा कि आज के दोस्त मतलब परास्त होते है दोस्ती की सीख सुदामा श्रीकृष्ण जैसी मित्रता की मिसाल होनी चाहिए। समाज को समानता का संदेश दिया।उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा का सात दिनों तक श्रवण करने से जीव का उद्धार हो जाता है, वहीं इस कथा को कराने वाले भी पुण्य के भागी होते हैं। अंतिम दिन सुखदेव द्वारा राजा परीक्षित को सुनाई गई।उन्होंने सात दिन की कथा का सारांश बताते हुए कहा कि जीवन कई योनियों के बाद मिलता है और इसे कैसे जीना चाहिए के बारे में भी उपस्थित भक्तों को समझाया। सुदामा चरित्र को विस्तार से सुनाते हुए श्रीकृष्ण सुदामा की निश्छल मित्रता का वर्णन करते हुए बताया कि कैसे बिना याचना के कृष्ण ने गरीब सुदामा की स्थिति को सुधारा ने गो सेवा कार्य करने पर जोर दिया। सुदामा की मनमोहक झांकियो का चित्रण किया गया जिसे देखकर हर कोई भाव विभोर हो उठा।
नगर पंचायत पूर्व चेयरमैन राजेश पोरवाल,राजेश कौशल ,गौरव पोरवाल,अखिलेश शर्मा,मुकेश गुप्ता,सुमित तिवारी आदि ने माला ,पगड़ी, अंगवस्त्र भेंटकर आशीष लिया। परीक्षत सुरेश कौशल, प्रीती कौशल ,प्रशांत गुप्ता ,विकास गुप्ता ,महेश चंद्र कौशल ,वैभव गुप्ता,वेद प्रकाश पोरवाल,संजय पोरवाल ,दीपू पोरवाल, अश्वनी पोरवाल आदि बड़ी संख्या में भक्तों ने महाआरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया।
आज होगा भंडारा:श्रीमद्भागवत कथा का विशाल भंडारा शुक्रवार शाम चार बजे से।