

औरैया,संवाददाता:डेडिकेटेड फ्रेंट कॉरिडोर रेलवे लाइन न्यू रेलवे स्टेशन अछल्दा के आगे मुक्खे मड़ैया गांव के सामने एक 7 वर्षीय मासूम बच्ची आत्महत्या करने पहुंच गई। गनीमत रही कि स्थानीय नागरिकों की नजर ट्रैक पर पड़ने पर सजगता और तत्परता से बच्ची की जान बचा ली। वह बोली, अब मुझे घर नहीं जाना है।
थाना फफूंद गांव खजुरियन का पूर्वा निवासी संतोष राजपूत की 7 वर्षीय बेटी रोशनी मंगलवार की सुबह करीब 8 बजे अप ट्रैक किनारे जाते समय ग्रामीणों की नजर पड़ने पर उन्होंने पहुंचकर स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए उन्होंने तत्काल 112 नंबर डायल कर पुलिस को सूचना दी। कुछ ही देर में मौके पर पहुंची पीआरवी-112 की टीम के कांस्टेबल राजकुमार कांस्टेबल रामकिशोर ने स्थानीय लोगों की मदद से बच्ची को सुरक्षित किया फिर उसे थाने लाए।थाने में रोशनी ने जो आपबीती सुनाई, उसे सुनकर हर कोई स्तब्ध रह गया।रोशनी ने बताया कि ‘वह सुबह 5 बजे घर से भाग निकली। पापा मुझे रोज मारते हैं। कल तो उन्होंने मुझे छत से धक्का दे दिया और फिर हाथ-पैर बांधकर कमरे में बंद कर दिया। जब मौका मिला, तो मैं निकल आई। अब मैं उस घर में नहीं जाना चाहती। बच्ची की आप बीती सुनकर थाने में मौजूद हर किसी की आंखें भर आईं। थाने में उसकी आपबीती सुनकर स्तब्ध रह गए लोग।
पिता खेत पर धान रोपाई का काम कर रहा था पुलिस ने वहां पहुंचकर उसे थाना ले आकर पूछताछ की।संतोष राजपूत की तीन बेटियों और दो बेटों में रोशनी दूसरे नंबर की संतान है। बताते कि संतोष राजपूत आर्थिक तंगी का शिकार है। उसकी पत्नी भी मानसिक रूप से बीमार है। घर में रोज कलह होती है।थाना प्रभारी निरीक्षक रमेश सिंह ने कहा कि बच्ची पूरी तरह सुरक्षित है। उसके स्वास्थ्य की निगरानी की जा रही है। उन्होंने बताया कि कानूनी लिखा-पढ़ी के बाद बच्ची को बजरंग नगर निवासी चंदन राजपूत को सौंप दिया गया है।
चंदन के घर आई नई रोशनी

अछल्दा के बजरंग नगर निवासी चंदन राजपूत पेशे से राजमिस्त्री का कार्य करते हैं।उनके कोई संतान नही है।उन्होंने रोशनी को गोद लेकर मिसाल कायम की है। जब उन्हें रोशनी के बारे में पता चला, तो उन्होंने थाना जाकर उसे गोद लेने का निर्णय लिया। चंदन राजपूत ने कहा- ‘मैं रोशनी को बेटी की तरह लालन पालन करूंगा उन्होंने अपने पड़ोस के लारेल्स स्कूल इंटरनेशनल इंग्लिश मीडियम स्कूल में एडमिशन करवाने के लिए ले गए और नए कपड़े खरीदे और स्कूल की यूनिफॉर्म सिलने को दी है। बुधवार को वह कॉपी किताब लेकर स्कूल पहुंची।
पिता बोले, पत्नी बीमार,आर्थिक स्थिति खराब
रोशनी के पिता संतोष राजपूत ने कहा कि आर्थिक तंगी के चलते वह बच्चों की परवरिश ठीक से नहीं कर पा रहे हैं। पत्नी की भी मानसिक स्थिति भी ठीक नहीं है, जिससे हालात और बिगड़ गए हैं। उन्होंने कहा कि इसीलिए मैने बेटी रोशनी को चंदन राजपूत के हाथ सौप दिया। अब वह बिटिया की देखभाल अच्छे से कर पाएंगे।