अंतिम दर्शन हेतु हजारों की संख्या में पहुंचे समर्थक:दिल का दौरा पड़ने से पूर्व मंत्री विनय शाक्य पंचतत्व में विलीन
औरैया,संवाददाता:पूर्व राज्यमंत्री विनय शाक्य के शनिवार रात सीने में दर्द उठा।परिजन सीएचसी बिधूना लेकर ले गए।वहां चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया।रविवार को भटौरा गांव स्थित उनके फार्म हाउस पर गार्ड आफ आनर देने के बाद उनका पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया।पूर्व राज्यमंत्री विनय शाक्य विकास खंड अछल्दा क्षेत्र के गांव घसारा मूलरूप से निवासी थे।वर्ष 2019 में ब्रेन स्ट्रोक होने के बाद अवस्थ्य चल रहे थे।शनिवार रात 11 बजे उनकी तबियत बिगड़ी तो पत्नी निशा और बेटी रिया समेत जन लेकर सीएचसी ले आई।
डाक्टर ने उपचार के बाद घर भेज दिया।देर रात एक बजे दिल का दौरा पड़ने से बेसुध हो गए।परिजन दुबारा उन्हें सीएचसी ले गए,जहां डाक्टर ने मृत घोषित कर दिया।मां द्रोपदी देवी,पत्नी निशा शाक्य,बेटी रिया, व ऋतु, बेटा सिद्दार्थ शाक्य,भाई देवेश शाक्य बहन अर्चना का रो रोकर बुरा हाल हो गया।फार्म हाउस पर अंतिम दर्शन के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचे।
22 वर्षो का राजनीतिक सफर : पूर्व राज्यमंत्री विनय शाक्य का राजनीतिक जीवन इटावा डिग्री कालेज में पढ़ाई के दौरान शुरू हुआ।बसपा से जुड़कर सक्रिय राजनीति 1997 से शुरू की थी।पार्टी ने उनकी मेहनत विधानसभा क्षेत्र में पकड़ देख।पार्टी ने 2002 में बिधूना विधानसभा से प्रत्याशी बनाया और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धनीराम वर्मा को हराकर पहली बार विधायक बने।बसपा की सरकार बनी तो उन्हें बाह्यसाहयतित परियोजना राज्यमंत्री बनाया गया।2007 के विधानसभा चुनाव में केवल 294 मतों के अंतर से धनीराम वर्मा से चुनाव हार गए।प्रदेश में बसपा की सरकार बनने कारण मायावती ने सियासी रसूख कम नहीं होने दिया और उन्हें गन्ना शोध संस्थान अध्यक्ष बनाते हुए राज्यमंत्री का दर्जा दिया।मैनपुरी से तत्कालीन सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के खिलाफ लोकसभा का चुनाव का चुनाव लड़ाया हारे।सियासी दबदबा कम ना हो 2009 में एमएलसी बना दिया गया।2017 चुनाव में बसपा को अलविदा कर भाजपा का दामन थामते हुए फिर बिधूना से विधायक बन गए।2019 में ब्रेन स्ट्रोक होते ही अस्वस्थ हो गए।इसके बाद अन्य कार्यकाल उनके छोटे भाई देवेश शाक्य ने प्रतिनिधि के तौर पर किया। वर्ष 2022 में बेटी रिया शाक्य ने भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन वह हार गई थीं।वर्ष 2022 में ही भाई देवेश शाक्य के साथ विनय शाक्य समाजवादी पार्टी में शामिल हो गये।देवेश शाक्य इस बार एटा लोकसभा क्षेत्र से सपा के प्रत्याशी है।उन्होंने 22 वर्ष के राजनैतिक जीवन में क्षेत्र को जो कुछ भी दिया उसे एक संघर्षशील पुरोधा के रुप में हमेशा याद रखा जायेगा।
सपा सुप्रीमों ने जताया दुःख: सपा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व सांसद सुब्रत पाठक ने इंटरनेट मीडिया के एक्स प्लेटफार्म पर दुःख प्रकट कर ईश्वर से आत्मा की शांति के लिए कामना की।
राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार पुत्र सिद्धार्थ शाक्य ने पिता को मुखाग्नि दी हजारों समर्थकों के बीच पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया।इस दौरान तिर्वा विधायक कैलाश राजपूत,दिवियापुर विधायक प्रदीप यादव,बिधूना विधायक रेखा वर्मा,भाजपा जिलाध्यक्ष भुवन प्रकाश गुप्ता,पूर्व मंत्री विनोद यादव कक्का,पूर्व राज्यमंत्री लाखन सिंह राजपूत, कन्नौज जिला पंचायत अध्यक्ष प्रिया शाक्य,पूर्व विधायक रामजी शुक्ल, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राजवीर सिंह यादव, रचना सिंह सेंगर, पूर्व सांसद रघुराज सिंह शाक्य, नगर पंचायत कंचौसी अध्यक्ष राजेंद्र सिंह उर्फ राजू गौर,बिधूना चेयरमैन आदर्श कुमार मिश्रा,पूर्व चेयरमैन अमित कुमार बाथम, ब्लाक प्रमुख शरद सिंह राना,सांसद सुब्रत पाठक की पत्नी नेहा पाठक,मनोज यादव आदि मौजूद रहे।