खुमानपुर शिव मंदिर में श्रीमद्भागवत:राम का नाम लेने से पार हो जाता है भव सागर:अवधेश शास्त्री
औरैया,संवाददाता:विकास खंड अछल्दा के गांव खुमानपुर के शिव मंदिर परिसर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिनभगवताचार्य अवधेश नारायण शास्त्री ने सीता स्वयंवर की कथा श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया।कहा कि पत्नी कैसी होनी चाहिए उसका श्रेष्ठ आदर्श सीता है।उनसे सीख लेने की जरूरत है।
कथा पंडाल में भगवताचार्य अवधेश कुमार शास्त्री ने कहा कि
राम नाम लेने से भव सागर पार हो जाता है।
उन्होंने कहा कि माताएं चाहती हैं कि उनके यहां श्रीराम व श्रीकृष्ण जैसे पुत्र जन्म लें लेकिन कोई भी माता कौशल्या नहीं बनना चाहती। उन्होंने कहा कि चार आश्रम में गृहस्थ आश्रम सर्वश्रेष्ठ है। पत्नी कैसी होनी चाहिए उसका श्रेष्ठ आदर्श सीता हैं। सीता श्रेष्ठ आदर्श इसलिए हैं कि आज के युग में बहुएं सुख, सुविधा मिलने के बाद भी बहू बनकर नहीं रह पातीं। माता सीता के पास आज के वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए कोई सुख-सुविधा न होने पर भी पतिव्रता धर्म का पालन किया था। ऐसा नहीं है कि वह गरीब घर की थी उनके हाथों की मेहंदी भी नहीं छूटी थी और माता कैकेयी ने राजा दशरथ से राम को वनवास भेजने का वचन मांग लिया था। वह पति श्रीराम के साथ वनवास जाकर अपने पतिव्रत धर्म का पालन करती रहीं। राम व सीता की कथा प्रेरणादायक है। भगवान राम की कथा जो सुनता है उनके अनुश्र्वन करने से प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ता चला जाता।
परीक्षित मान सिंह यादव,मिल मालिक मनोज यादव,शैलेन्द्र यादव,सिंटू यादव,जयवीर यादव,प्रदीप यादव प्रदेश सचिव सपा, राम नरेश यादव प्रधानाचार्य,सत्यवीर यादव लोकोपायलट,प्रधान रामवीर यादव,ओपी यादव,संजीव यादव,राजवीर यादव आदि ने आरती उतारी।आयोजक गणेश यादव ने बताया कथा दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे तक।शाम सात से भजन कीर्तन में सत्संग का लाभ प्राप्त करे।कथा सुनने आसपास गांवो के बड़ी संख्या में श्रोता पहुचें।मंदिर में यज्ञ दौरान पूजा अर्चना हुई।