स्वतंत्रता दिवस पर वीरता का मिला राष्ट्रपति पुरस्कार
:2020 में बचाई थी बच्चों की जान
अमेठी संवाददाता:एक किसान का बेटा स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर राष्ट्रपति पुरस्कार से नवाजा गया।गांव की प्राइमरी से पढ़कर 1992 में पी पी एस (प्रांतीय पुलिस सेवा)बने त्रिभुवन सिंह प्रोन्नति पाकर आईपीएस हैं। वह 2020 में जब बतौर अपर पुलिस अधीक्षक फर्रुखाबाद थे उस दौरान उन्होंने वीरता और शौर्य की जो मिसाल कायम की आज उसी की बदौलत उन्हें सरकार ने राष्ट्रपति पुरस्कार से नवाजा।फर्रुखाबाद के मोहम्मदाबाद थाने के करथिया गांव में एक शातिर अपराधी ने पत्नी से सांठगांठ कर 30 जनवरी 2020 को जन्मदिन मनाने के बहाने 26 बच्चों को घर के तहखाना में बंधक बना लिया था।जिस तहखाने में बच्चे बंधक थे उसके चारों ओर उसने बम लगा रखे थे और खुद असलहे से फायर कर रहा था।इस सूचना पर पहुंचे एक आरक्षी व निरीक्षक को उसने गोली भी मार दी थी।उस दौरान बतौर अपर पुलिस अधीक्षक त्रिभुवन सिंह भी रातभर चले आपरेशन में शामिल रहे।बच्चों को सुरक्षित निकाल उनके परिवारजनों को लौटाया था।अपराधियों के साथ कई बार मुठभेड़ में शामिल रहे श्री सिंह ने अपराध और अपराधियों के खिलाफ सदैव लड़ते रहे हैं।
करथिया गांव में पुलिस ऑपरेशन की फाइल फोटो….
केंद्रीय गृहमंत्री ने दी थी बधाई:पुलिस टीम द्वारा बच्चों को सकुशल छुड़ाने के लिए चलाए गए आपरेशन की सफलता पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने टीम को बधाई दी थी।
घोषित था पुरस्कार:आपरेशन के दौरान टीम में शामिल पुलिस कर्मियों की वीरता के लिए उच्च अधिकारी ने 10 लाख रुपए का पुरस्कार भी दिया था।प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया था।
मिलेंगी सुविधाएं : इस पुरस्कार से नवाजे जाने के बाद सरकार से कई सुविधाएं मिलती हैं।हवाई जहाज से यात्रा करने पर 75 प्रतिशत किराए में छूट,रेलगाड़ी पर दो लोगों को आल इंडिया निश्शुल्क यात्रा,बच्चों को नौकरी में 5 प्रतिशत छूट,सेवा निवृत्ति के बाद पेंसन पर टैक्स की छूट और 2000 रुपए महीने भत्ता जैसी महत्वपूर्ण सुविधाएं दी जाती हैं।परिवार में है खुशी:पुत्र को राष्ट्रपति पुरस्कार मिला वह भी वीरता के लिए।इस बात को लेकर आई पी एस त्रिभवन सिंह के पिता को गर्व है।वह बहुत ही प्रशन्न हैं।इस खबर से क्षेत्र के लोग भी प्रशन्न हैं।2013 में आई पी एस बने त्रिभवन सिंह अपने विनम्र व मृदुल स्वभाव के लिए समूचे क्षेत्र में जाने जाते हैं।